गजानन स्तोत्र - देवर्षय ऊचुः । नमस्ते गजवक्त्राय गजाननसुरूपिणे - Gajanan Stotra - Devarshay Uchuh Namaste Gajavaktray Gajanana Surupine
गजानन स्तोत्र - देवर्षय ऊचुः । नमस्ते गजवक्त्राय गजाननसुरूपिणे
श्री गजानन स्तोत्र का पाठ करने का तरीका:-
- स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें !
- भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें !
- धूप-दीप जलाकर गणेश भगवान को निमंत्रण दें !
- गणेश जी को जल से स्नान कराएं और वस्त्र अर्पित करें !
- गणेश जी को जल, फल और मिष्ठान का भोग लगाएं !
- संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें !
- पाठ के खत्म होने के बाद गणेश जी की आरती करें !
Gajanan Stotra - Devarshay Uchuh Namaste Gajavaktray Gajanana Surupine |
गजानन स्तोत्र Gajanan Stotra
देवर्षय ऊचुः
नमस्ते गजवक्त्राय गजाननसुरूपिणे ।
पराशरसुतायैव वत्सलासूनवे नमः ॥१॥
व्यासभ्रात्रे शुकस्यैव पितृव्याय नमो नमः ।
अनादिगणनाथाय स्वानन्दावासिने नमः ॥२॥
रजसा सृष्टिकर्ते ते सत्त्वतः पालकाय वै।
तमसा सर्वसंहत्रे गणेशाय नमो नमः ॥३॥
सुकृतेः पुरुषस्यापि रूपिणे परमात्मने ।
बोधाकाराय वै तुभ्यं केवलाय नमो नमः ॥४॥
स्वसंवेद्याय देवाय योगाय गणपाय च ।
शान्तिरूपाय तुभ्यं वै नमस्ते ब्रह्मनायक ॥५॥
विनायकाय वीराय गजदैत्यस्य शत्रवे ।
मुनिमानसनिष्ठाय मुनीनां पालकाय च ॥६॥
देवरक्षकरायैव विघ्नेशाय नमो नमः ।
वक्रतुण्डाय घोराय चैकदन्ताय ते नमः ॥७॥
त्वयाऽयं निहतो दैत्यो गजनामा महाबलः ।
ब्रह्माण्डे मृत्युसंहीनो महाश्चर्यं कृतं विभो ! ॥८॥
हते दैत्येऽधुना कृत्स्नं जगत्सन्तोषमेष्यति ।
स्वाहा स्वधायुतं पूर्ण स्वधर्मस्थं भविष्यति ॥९॥
एवमुक्त्वा गणाधीश सर्वे देवर्षयस्ततः ।
प्रणम्य तूष्णीभावं ते सम्प्राप्ता विगतज्वराः ॥१०॥
कर्णों सम्पीड्य गणप-चरणे शिरसो ध्वनिः ।
मधुरः प्रकृतस्तैस्तु तेन तुष्टो गजाननः ॥११॥
तानुवाच मदीया ये भक्ताः परमभाविताः ।
तैश्च नित्यं प्रकर्तव्यं भवद्भिर्नमनं यथा ॥१२॥
तेभ्योऽहं परमंप्रीतो दास्यामि मनसीप्सिताम् ।
एतादृशं प्रियं मे च नमनं नाऽत्र संशयः ॥१३॥
एवमुक्त्वा स तान् सर्वान् सिद्धि-बुद्धयादि-संयुतः ।
अन्तर्दधे ततो देवा मुनयः स्वस्थलं ययुः ॥१४॥
इति श्रीमदान्त्ये मौद्गले द्वितीयखण्डे गजासुरवधे गजाननस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
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श्री गजानन स्तोत्र का पाठ करने से कई फ़ायदे होते हैं:-
- जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करना
- एकाग्रता और फ़ोकस में वृद्धि
- आंतरिक शांति और शांति की प्राप्ति
- समृद्धि और सफलता के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद
- आस-पास से नकारात्मक ऊर्जा की सफ़ाई
- संचार कौशल और बुद्धि में सुधार
- मनोकामनाओं की पूर्ति
- स्वास्थ्य लाभ
- धन की वृद्धि
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